Dard gunj raha dil mein shehnai ki tarah,
Jism se maut ki ye sagai to nahi,
Ab andhera mitega kaise..
Tum bolo tune mere ghar mein shamma jalai to nahi!!
दर्द गूंज रहा दिल में शहनाई की तरह,
जिस्म से मौत की ये सगाई तो नहीं,
अब अंधेरा मिटेगा कैसे..
तुम बोलो तूने मेरे घर में शम्मा जलाई तो नहीं!
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