Wednesday, May 31, 2017

में तो आशिक़ हु सिर्फ एक बार मरूँगा...Two Line Shayari, Hindi Shayari...

में तो आशिक़ हु सिर्फ एक बार मरूँगा,
लेकिन मेरे ‎प्यार‬ की सच्चाई जानकर वो बार बार मरेंगी।

इंतेजार भी कितनी अजीब चीज हे ना खुद करे तो,
गुस्सा आता है, और.. दूसरा कोई करे तो अच्छा लगता है।


सुनो! या तो मिल जाओ, या बिछड जाओ,
यू साँसो मे रह कर बेबस ना करो।


कुछ रिश्ते दरवाज़े खोल जाते है,
या तो दिल के, या तो आँखों के।


उनसे कह दो कोई जाकर के की हमारी सजा कुछ कम कर दे,
हम पेशे से मुजरिम नही है बस गलती से इश्क हुआ था।


मसला तो सिर्फ एहसासों का है, जनाब,
रिश्ते तो बिना मिले भी सदियां गुजार देते हैं।


आदत नहीं है मुझे सब पे फ़िदा होने की पर तुझ में,
कुछ बात ही ऐसी है की दिल को समझने का मौका ही नहीं मिला।


हलकी फुलकी सी होती है जिन्दगी,
बोझ तो ख्वाहिशों का होता है।


हमारे महफिल में, लोग बिन बुलाये आते है,
क्यूकी यहाँ स्वागत में, फूल नहीं, दिल बिछाये जाते है।


तेरा अहसास.. साथ साथ बहुत नज़ाकत से मेरे साथ रहती है,
ख़्वाबों में भी.. साथ साये की तरह ही साथ साथ चलती है।

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