Tuesday, May 30, 2017

तेरे हुस्न पर तारीफों भरी किताब लिख देता...Two Line Shayari, Hindi Shayari...

तेरे हुस्न पर तारीफों भरी किताब लिख देता,
काश तेरी वफा तेरे हुस्न के बराबर होती।



कमी तो होनी ही है पानी की, शहर में,
न किसी की आँख में बचा है, न किसी के जज़्बात में।



सरक गया जब उसके रुख़ से पर्दा अचानक,
फ़रिश्ते भी कहने लगे काश हम भी इंसा होते।



इस उम्मीद पे रोज़ चिराग़ जलाते हैं,
आने वाले बरसों बाद भी आते हैं..!!



ये तो अच्छा हुआ कुदरत ने रंगीन नहीं रखे आँसूं,
वरना जिसके दामन में गिरते वो भी बदनाम हो जाता।



इतना आसान नही जीवन का किरदार निभा पाना,
इंसान को बिखरना पड़ता है रिश्तो को समेटने के लिए।



तुम्हारे वजूद से बना हूँ मैं..
पहले जिन्दा था अब जी रहा हूँ मैं।



तलब ये है कि मैं सर रखूँ तेरे सीने पे,
और तमन्ना ये कि मेरा नाम पुकारती हों धड़कनें तेरी।



तुझे महसूस करने का हर अहसास अजीब है,
तू पास है तो पास है, जब दूर है तो भी पास है।



लो खुद ही सुन लो.. तुम मेरी धड़कनो की आवाज़,
मै कहूंगा कि ये दिल इस कदर धड़कता है तो तुम झूठ मानोगी।

No comments:

Post a Comment