Tuesday, February 26, 2019

2 Line collection in hindi

दुश्मनों को सज़ा देने की एक तहज़ीब है मेरी,
मैं हाथ नहीं उठाता बस नज़रों से गिरा देता हूँ।

बेवक़्त, बेवजह, बेहिसाब मुस्कुरा देता हूँ,
आधे दुश्मनो को तो यूँ ही हरा देता हूँ।

खोटे सिक्के जो अभी अभी चले हैं बाजार में,
वो कमियाँ निकाल रहे हैं मेरे किरदार में।

अभी शीशा हूँ सबकी आँखों में चुभता हूं,
जब आईना बनूँगा सारा जहाँ देखेगा।

हम बसा लेंगें एक दुनिया किसी और के साथ,
तेरे आगे रोयें अब इतने भी बेगैरत नहीं हैं हम।

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