किस दर्द को लिखते हो इतना डूबकर,
एक नया दर्द दे दिया है उसने ये पूछकर।
सोने जा रहा हूँ तुझे ख्वाब में देखने की हसरत ले कर,
दुआ करना कोई जगा ना दे तेरे दीदार से पहले।
मुझे तेरा साथ.. जिंदगीभर नहीं चाहिये,
बल्कि जब तक तु साथ है.. तब तक जिंदगी चाहिये।
फिर किसी मोड़ पर मिल जाऊँ तो मुहँ फेर लेना तुम,
पुराना इश्क़ हूँ.. फिर उभरा तो कयामत होगी..!!
तुमको बहार समझ कर, जीना चाहता था उम्र,
भर,भूल गया था की मौसम तो बदल जाते हैं।
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