फूँक डालूँगा किसी रोज़ ये दिल की दुनिया,
ये तेरा ख़त तो नहीं है कि जला भी न सकूँ।
अगर नींद आ जाये तो सो भी लिया करो,
रातों को जगने से मोहब्बत लोटा नहीं करती।
मौत ने आँखें मिलाई थी कई बार मुझसे,
पर तेरा दीवाना किसी और पे मरता कैसे।
थक गया है चाहतों का वजुद अब कोई,
अच्छा भी लगे तो हम इजहार नही करते।
पहले सौ बार कभी इधर कभी उधर देखा है,
तब कहीं डर के तुझे एक नज़र देखा है।
उम्र छोटी है तो क्या ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है,
फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं बगल में खंजर देखा।
गलत सुना था कि मोहब्बत आँखों से होती है,
दिल तो वो भी चुरा लेते हैं जो पलकें नहीं उठाते।
मत खाओ कसमे सारी ज़िन्दगी साथ निभाने की,
हम ने साँसो को भी जुदा होते देखा है।
जो मशहूर हुए सिर्फ उन्होंने ही तो मोहब्बत नहीं की
कुछ लोग चुपचाप भी तो क़त्ल हुए है मोहब्बत के हाथोँ।
नींद भी नीलाम हो जाती हैं दिलों की महफ़िल में जनाब,
किसी को भूल कर सो जाना इतना आसान नहीं होता।
No comments:
Post a Comment