Thursday, August 3, 2017

सिलसिला उल्फत का चलता ही रह गया...Dard Shayari, Hindi Shayari, Sad Shayari...


सिलसिला उल्फत का चलता ही रह गया,
दिल चाह में दिलबर के मचलता ही रह गया,
कुछ देर को जल के शमां खामोश हो गई,
परवाना मगर सदियों तक जलता ही रह गया..!!

No comments:

Post a Comment