Tuesday, August 29, 2017

रोज़ *याद* न कर पाऊँ...Best quote and shayari...

*टूट* जाता है *गरीबी* मे 
      वो *रिश्ता* जो खास होता है,
        हजारो यार बनते है 
          जब *पैसा* पास होता है।

      ‬ रोज़ *याद* न कर पाऊँ तो 
*खुदग़रज़* ना समझ लेना,

दरअसल छोटी सी *जिन्दगी* है। 
और *परेशानियां* बहुत हैं..!! 

मैं *भूला* नहीं हूँ *किसी* को...
मेरे बहुत *अच्छे दोस्त है ज़माने में* ..

बस *जिंदगी उलझी पड़ी* है ..
*दो वक़्त की रोटी कमाने में।.* . .
😊😊🌹🌹

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