Wednesday, October 10, 2018

2 Line collection in hindi

कुछ जख्म ऐसे हैं कि दिखते नहीं,
मगर ये मत समझिये कि दुखते नहीं। 😔

घर में रहा था कौन कि रुखसत करे हमें,
चौखट को अलविदा कहा और चल पड़े।

खरीद पाऊँ खुशियाँ उदास चेहरों के लिए,
मेरे किरदार का मोल इतना करदे खुदा।

ग़म-ए-हयात ने बख़्शे हैं सारे सन्नाटे,
कभी हमारे भी पहलू में दिल धड़कता था। 😔

जी रहे हैं तेरी शर्तो के मुताबिक़-ऐ-जिन्दगी,
दौर आएगा कभी हमारी फरमाइशो का भी।

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