Tuesday, December 26, 2017

यद्द्यापी मैं इस तंत्र का...श्रीमद्भगवद्गीता...

यद्द्यापी  मैं  इस  तंत्र  का  रचयिता  हूँ, लेकिन  सभी  को  यह  ज्ञात  होना  चाहिए  कि  मैं  कुछ  नहीं  करता  और  मैं  अनंत  हूँ.

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