Saturday, December 30, 2017

हो सकता है ये भगवान की...बाल गंगाधर तिलक...

हो सकता है ये भगवान की मर्जी हो कि मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूँ उसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे पीड़ा में होने से अधिक लाभ मिले।

No comments:

Post a Comment