धड़कनों को भी रास्ता दे दीजिये हुजूर,
आप तो पूरे दिल पर कब्जा किये बैठे है।
ना मिल रहा है तु, ना खो रहा है तु,
ऐ मेरे यार, बडा दिलचस्प हो रहा है तु।
हम से बड़े और भी दावेदार हैं तुम्हारे,
पर हमारे जैसा जुनून लाएंगे कहां से।
पंख लगा के उड नहीं सकती चिट्ठी मेरी क्योंकि,
एहसास और अल्फाज दोनों ही बहुत भारी है इसमें।
तुम चाहे बंद कर लो दिल के दरवाजे सारे,
हम दिल मे उतर आएंगे, कलम के सहारे।
ज़ख्म ताज़ा हो तो रुक रुक के कसक होती है,
याद गहरी हो तो थम थम के क़रार आता है।
उदास कर गई आज की सुबह भी मुझे..
जैसे भुला रहा हो कोई आहिस्ता-आहिस्ता।
बिगाड़ के रख देती है ज़िन्दगी का चेहरा,
ए-मोहबत.. तू बड़ी तेजाबी चीज़ है।
उम्र भर चलते रहे, मगर कंधो पे आए कब्र तक,
बस कुछ कदम के वास्ते गैरों का अहसान हो गया।
खयालों में उसके मैंने बिता दी ज़िंदगी सारी,
इबादत कर नहीं पाया खुदा नाराज़ मत होना।
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