सुकून भी पास है अपने,
ग़मों का काफिला भी है,
लबों से कुछ नहीं कैहते,
मगर दिल में गिला भी है,
सुनायें किसको अपना दर्द,
कोई राज़दाँ तो हो..
ख़ुशी आँखों में है पर..
छुपा हआ आँसूओं का सिलसिला भी है।
ग़मों का काफिला भी है,
लबों से कुछ नहीं कैहते,
मगर दिल में गिला भी है,
सुनायें किसको अपना दर्द,
कोई राज़दाँ तो हो..
ख़ुशी आँखों में है पर..
छुपा हआ आँसूओं का सिलसिला भी है।
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