Wednesday, January 9, 2019

2 Line collection in hindi

मकड़ी जैसे मत उलझो तुम गम के ताने बाने में,
तितली जैसे रंग बिखेरो हँस कर इस ज़माने में।



यूँ ही रिहा नहीं हो सकेंगे जहन से तुम्हारे हम,
बड़ी सिद्दत से तुम्हारे दिल में घर बनाया है।



सम्भालती है सदा तेरी चाहतें मुझको,
मेरी दुआ है कि, तू मुझे भूल ना पाए कभी।



हमारी अफवाह के धुंए वहीं से उठते है,
जहाँ हमारे नाम से आग लग जाती है।



इतना भी गुमान न कर आपनी जीत पर ऐ बेखबर,
शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं।

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