कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ भी करना असंभव है, ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है, अगर कोई पाप है, तो वो यह कहना कि तुम निर्बल हो या कोई अन्य निर्बल हैं!!
हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए और हमें समस्या को हमें पराजित करने की अनुमति नहीं देना चाहिए!!
इस बात को कभी व्यक्त मत कीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, अपनी बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए हमेशा दृढ रहिये!!
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