Tuesday, January 30, 2018

तुलसीदास जी कहते हैं कि...Tulsidas-ji-ke-dohe...

तुलसीदास जी कहते हैं कि मुखिया मुख के समान होना चाहिए जो खाने-पीने को तो अकेला है, लेकिन विवेकपूर्वक सब अंगों का पालन-पोषण करता है |

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