Wednesday, November 29, 2017

कबीर कहा गरबियो, काल...Kabir ke dohe...

 कबीर कहा गरबियो, काल गहे कर केस.                                                    
 ना जाने कहाँ मारिसी, कै घर कै परदेस. 

अर्थ : कबीर कहते हैं कि हे मानव ! तू क्या गर्व करता है? काल अपने हाथों में तेरे केश पकड़े हुए है. मालूम नहीं, वह घर या परदेश में, कहाँ पर तुझे मार डाले.

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