मोहब्बत भी ठंड जैसी है,
लग जाये तो बीमार कर देती है..
जादू वो लफ़्ज़ लफ़्ज़ से करता चला गया
और हमने बात बात में हर बात मान ली
हम बने ही थे तबाह होने के लिए..
तेरा छोड़ जाना तो महज़ इक बहाना था.!!
खेल ताश का हो या जिंदगी का,
अपना इक्का तब ही दिखाना जब सामने बादशाह हो ।
मुझे क़बूल है.. हर दर्द.. हर तकलीफ़ तेरी चाहत में..
सिर्फ़ इतना बता दो.. क्या तुम्हें मेरी मोहब्बत क़बूल है..?
दुनिया खरीद लेगी हर मोड़ पर तुझे…
तूने जमीर बेचकर अच्छा नहीं किया..
मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूं ..
मुझे गैर कहने वाले.. तेरी बात मे दम है.
कभी आपको याद आई कभी हमने याद किया..
खैर छोड़ो ये बेकार सियासत चलो आओ बात करें
ज़िन्दगी में कई ऐसे लोग भी मिलते हैं
जिन्हें हम पा नहीं सकते सिर्फ चाह सकते हैं..
सच के रास्ते पे चलने का.. ये फ़ायदा हुआ,
रास्ते में कहीं भीड़ नहीं थी ।
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