मैं नींद का शोकीन ज्यादा तो नही..
लेकिन तेरे ख्वाब ना देखूँ तो.. गुजारा नही होता..!!
मुहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का..
बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ..!!
मुश्किल भी तुम हो, हल भी तुम हो ,
होती है जो सीने में , वो हलचल भी तुम हो ..!!
चेहरे के रंग को देखकर दोस्त ना बनाना.. दोस्तों ..
तन का काला तो चलेगा लेकिन मन का काला नहीं।
दामन को फैलाये बैठे हैं अलफ़ाज़-ए-दुआ कुछ याद नही
माँगू तो अब क्या माँगू जब तेरे सिवा कुछ याद नही
तुझे भूलने के लिए मुझे सिर्फ़ एक पल चाहिए,
वह पल! जिसे लोग अक्सर मौत कहते हैं…!!
अब लोग पूछते हैं हमसे.. तुम कुछ बदल गए हो
बताओ टूटे हुए पत्ते अब .. रंग भी न बदलें क्या..!!
छोटा है मुहब्बत लफ्ज, मगर तासीर इसकी प्यारी है.
इसे दिल से करोगे तुम, तो ये सारी दुनियाँ तुम्हारी है.
क्या क्या रंग दिखाती है जिंदगी क्या खूब इक्तेफ़ाक होता है,
प्यार में ऊम्र नहीँ होती पर हर ऊम्र में प्यार होता है..!!
तुम्हारी याद की शिद्दत में बहने वाला अश्क
ज़मीं में बो दिया जाए तो आँख उग आए..!!
No comments:
Post a Comment